बाल एवं युवा साहित्य >> बुलबुल की किताब बुलबुल की किताबउपेन्द्रकिशोर रायचौधुरी
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प्रस्तुत है बाल कहानी...
शाम ढलते ही हमारे घरों के बच्चे कभी-कभी बिना खाये सो जाना चाहते है। तब उनकी माँ दादी या फिर नानी उन्हें बड़े प्यार से अच्छी-अच्छी कहानियाँ सुनाकर जगाये रखती है और देखते ही देखते उनकी नींद गायब हो जाती है। ऐसी रोचक कहानियों को बच्चे बड़े होकर भी कभी भुला नहीं पाते।
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